Saturday 15 April 2023

Random#22

 मैं तो सब कह दूँ लेकिन ….तुम कहते हो कि तुम समझते हो 

आँखें बयाँ करती हैं सबकुछ..बिन बोले भी सब समझते हो ?


चुप रहना क्यों जरूरी है और क्यों जरूरी है दूर हो जाना ?

सब इत्तिफ़ाक़ की बातें हैं..मैं समझता हूँ कि तुम समझते हो 


है एक दुनिया और.. तुम्हारे रुख़्सार, तुम्हारे तबस्सुम से आगे 

तुम भी दुनिया थे, ये भी दुनिया है..ये फ़ासला तुम समझते हो 


तुम्हारी बातों में एक लज्ज़त थी, तुम सच बोलते थे लेकिन 

कहना ही सब नहीं होता, तुम जो कहते थे वो समझते हो 


हमारे दरम्याँ जो कुर्बत थी, हमें था दूर होना ही एक दिन 

यही दुनिया की रिवायत है, मैं जानता हूँ तुम समझते हो 





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