Saturday 9 April 2022

Random#14

 मंजिल कहाँ है, सफर क्या है?

उदास क्यों हो, हुआ क्या है?


सभी हैं बंद कमरों में यहाँ 

मैं पूछता हूँ माजरा क्या है?


सब पाकर भी ढूंढता है कुछ 

ऐसे में फिर मिला क्या है?


होता है ऐसे ही दुनिया में 

फिर किसी से भी गिला क्या है?


तुम्हे गुमाँ है अपनी वफ़ादारी का 

इन सारी वफाओं का सिला क्या है?

Random#13

 जब कभी हम तेरे शहर आए

अश्क़ आँखों में उतर आए 


लौट के यूँ तेरी याद आयी 

जैसे शाम के बाद सहर आए 


तेरी खुशबू ने यूँ छुआ मुझको

फूल हवाओं में बिखर आए 


ये गलियाँ यूँ बुलाती हैं मुझे 

जैसे लौट के कोई घर आए 


निगाहें फिरती रहती हैं दर-बदर 

तू कहीं दूर से नजर आए 


कौन?

 ये किसकी ताबीर पड़ गयी मुझपे, किसका तराना गुनगुनाता हूँ  

ये कौन है मेरे ख्यालों में, किसकी इबादत के गीत गाता हूँ 


किसको आवाज़ दे रहा हूँ मैं, कौन है जिसे बुलाता हूँ 

कौन रहता है साथ मेरे, किसकी यादों में खोया जाता हूँ 


ये किस तरह का रिश्ता है, किस ओर खींचा जाता हूँ 

बैठा हूँ अकेला जब कभी, किसको साथ अपने पाता हूँ 


सर झुकाया है जब कभी सजदे में, किसे खुदा से माँग लाता हूँ

किसके ख़्वाब के हिस्से अपने ख़्वाब में सजाता हूँ 


किसके तबस्सुम मे खोकर सारे दर्द भूल जाता हूँ 

किसकी आँखों की गहराई मे डूबा-डूबा जाता हूँ  


किसके आने की आहट से रातों को चौंक जाता हूँ 

सपना नहीं हकीकत है, ये कहानी जो मैं सुनाता हूँ 

Random#29

 स्याह रात को रोशन करता हुआ जुगनू कोई  हो बारिश की बुँदे या हिना की खुशबू कोई  मशरूफ़ हैं सभी ज़िन्दगी के सफर में ऐसे  कि होता नहीं अब किसी से...