ये किसकी ताबीर पड़ गयी मुझपे, किसका तराना गुनगुनाता हूँ
ये कौन है मेरे ख्यालों में, किसकी इबादत के गीत गाता हूँ
किसको आवाज़ दे रहा हूँ मैं, कौन है जिसे बुलाता हूँ
कौन रहता है साथ मेरे, किसकी यादों में खोया जाता हूँ
ये किस तरह का रिश्ता है, किस ओर खींचा जाता हूँ
बैठा हूँ अकेला जब कभी, किसको साथ अपने पाता हूँ
सर झुकाया है जब कभी सजदे में, किसे खुदा से माँग लाता हूँ
किसके ख़्वाब के हिस्से अपने ख़्वाब में सजाता हूँ
किसके तबस्सुम मे खोकर सारे दर्द भूल जाता हूँ
किसकी आँखों की गहराई मे डूबा-डूबा जाता हूँ
किसके आने की आहट से रातों को चौंक जाता हूँ
सपना नहीं हकीकत है, ये कहानी जो मैं सुनाता हूँ