Monday 6 January 2020

Random#1

तुम्हारी बातें
जैसे जून के महीने में
खेतों में गिरी बारिश की बूँदे
और मैं
जैसे किसान के चेहरे
पर आयी मुस्कराहट
या फिर
दिसंबर के महीने में
सूरज ने धीमे
से जैसे हँस दिया हो
और मैं खिड़की को
खोल उस रोशनी
को पकड़ने की ताक में
देर तक ठहरा हुआ हूँ 

Random#29

 स्याह रात को रोशन करता हुआ जुगनू कोई  हो बारिश की बुँदे या हिना की खुशबू कोई  मशरूफ़ हैं सभी ज़िन्दगी के सफर में ऐसे  कि होता नहीं अब किसी से...