जब राहें मंजिल से ज्यादा अच्छी लगें
जब कहानियाँ हकीकत से ज्यादा सच्ची लगें
जब ख़्वाब कोरे सपनों की जगह ले लें
जब बेपरवाह नींद बेचैनियों को जगह दे दे
जब हर दिन खुशनुमा और रातें प्यारी हों
जब हर पल जेहन में अजब सी बेकरारी हो
जब हर शख्श अपना लगे,हर बात प्यारी लगे
जिंदगी बोझ न रहकर,खुशियों की सवारी लगे
जब किसी का हर अंदाज जैसे एक अदा लगे
जब दूर रहना गँवारा न हो जैसे एक सजा लगे
तो तुम इकरार करो न करो प्यार तो हुआ है
एक लाइलाज बीमारी जिसकी दवा,सिर्फ दुआ है