अगर तू ख्वाब है तो ये रात यूँ ही रहने दे
तू जा रहा है..जा..अपनी याद यूँ ही रहने दे
मेरा तुझ पे इख़्तियार यूँ तो कुछ भी नहीं
जो कुछ भी है मगर बात..बात यूँ ही रहने दे
तेरी नवाज़िश का शौक अब मैं नहीं रखता
गर बच गया हो लिहाज़..लिहाज़ यूँ ही रहने दे
अब वो उल्फ़त वो अहद-ए-वफ़ा ना रही
बच गया है जो दिल-ए-नाशाद..यूँ ही रहने दे
तेरी क़ुर्बत में कहीं मैंने खो दिया खुद को
तेरा तबस्सुम है मुझे याद..याद यूँ ही रहने दे
ReplyDeleteजीवन की सच्चाई यह है