Wednesday 21 October 2015

बिहार चुनाव

आज सर्द हवाओं का असर कुछ ज्यादा लगता है
हलचल मेरे गावं में,शहर से कुछ ज्यादा लगता है

दूध से सफ़ेद कपड़ें,सर पर टोपियां और हाथों में झण्डें
हुजूर साइकिलें कम और मोटर कार कुछ ज्यादा लगता है

गर्म चादर,कुछ पैसे और दो चार बोतलें दे गया है हाथों में जनाब
आज ठण्ड कुछ कम लगेगी,मुझे तो वो मददगार ज्यादा लगता है

चर्चे हैं हर तरफ अर्जियां मेरी भी सुनी जाएँगी अब बस्ती में
बेटा मेरा शिक्षक कम और हुजूर का खिदमतगार ज्यादा लगता है




No comments:

Post a Comment

Random#29

 स्याह रात को रोशन करता हुआ जुगनू कोई  हो बारिश की बुँदे या हिना की खुशबू कोई  मशरूफ़ हैं सभी ज़िन्दगी के सफर में ऐसे  कि होता नहीं अब किसी से...