माना दरम्यान कुछ गीले हैं, कुछ शिकवे भी
कुछ मजबूरियाँ मेरी, कुछ तेरी दिक्कतें भी
कुछ शिकायते, कुछ नाराजगी, थोड़ी हसरते भी
कुछ वादें, कुछ कसमें, थोड़ी मुहब्बतें भी
पर पता है तुझे पास अब भी है मेरे ढेर सारी यादें तेरी
कुछ बिताये पल, कुछ खुशियाँ और ढेर सारी बातें तेरी
वो मुस्कराहट, थोड़ा गुस्सा और वो मासूम आँखे तेरी
मेरा मिलना तुझसे हर बार और वो बेचैन सांसें मेरी
एक शाम, कुछ ख्वाब और अनगिनत कहानियाँ
सुनसान धड़कन, बेचैन रूह और हजारों निशानियाँ
मेरी आरजू, तेरे चेहरे और वक्त की बेईमानियां
बेताब दिल, सूनी आँखें और भींगी सी तनहाइयाँ
अजब सा रिश्ता है ये अजब सा फ़साना है
कुछ अनसुलझे सवाल, मीलों का सफर और चलते जाना है
जुस्तजू मेरी, गुजारिश मेरी पर जवाब तुझसे आना है
हसीं मंजर, घने बादल और आशियाँ तुझे बनाना है
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